गोकुल की गलियों में,
ढुढत है राधे घनश्याम,
पी की प्रीत में हुई भावरी,
रटत है श्याम श्याम,
गोकुल की गलियों में.......
काहे नाता तोड़ गये हो,
मोहे तन्हा छोड़ गये हो,
सीने पे गहरा घाव लगा के,
जिगर से खू निचौड़ गये हो,
साजन के संग प्रीत लगा के,
राधा हो गई है बदनाम.
गोकुल की गलियों में ........"रैना"
सुप्रभात जी ....................good morning ji
ढुढत है राधे घनश्याम,
पी की प्रीत में हुई भावरी,
रटत है श्याम श्याम,
गोकुल की गलियों में.......
काहे नाता तोड़ गये हो,
मोहे तन्हा छोड़ गये हो,
सीने पे गहरा घाव लगा के,
जिगर से खू निचौड़ गये हो,
साजन के संग प्रीत लगा के,
राधा हो गई है बदनाम.
गोकुल की गलियों में ........"रैना"
सुप्रभात जी ....................good morning ji

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