के अन्दाजलोगों निराले,
मुख उझले है दिल के काले.
घर के अन्दर शौर करे है,
बाहर निकले लब पे ताले.
उठते के तो साथ चले है
गिरते को कोई न संभाले
आशिक के हिस्से में आये
आंसू आहे दिल के "छाले."रैना
मुख उझले है दिल के काले.
घर के अन्दर शौर करे है,
बाहर निकले लब पे ताले.
उठते के तो साथ चले है
गिरते को कोई न संभाले
आशिक के हिस्से में आये
आंसू आहे दिल के "छाले."रैना
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