तू राँझा मैं हूँ तेरी हीर सनम,
बेशक तुम हो मेरी तक़दीर सनम।
तुझको भूले ये मुमकिन हो कैसे,
दिल में मढ़ दी तेरी तस्वीर सनम।
भटके है बहुत तलाश न खत्म हुई,
तू मिलने की समझा तदबीर सनम।
तेरी रहमत मुझको बख्शी उल्फत,
तू दानी रैना" फकड़ फकीर सनम। ...."रैना"
बेशक तुम हो मेरी तक़दीर सनम।
तुझको भूले ये मुमकिन हो कैसे,
दिल में मढ़ दी तेरी तस्वीर सनम।
भटके है बहुत तलाश न खत्म हुई,
तू मिलने की समझा तदबीर सनम।
तेरी रहमत मुझको बख्शी उल्फत,
तू दानी रैना" फकड़ फकीर सनम। ...."रैना"
No comments:
Post a Comment