रोशन दीप तभी हो जब जलता है,
उसको मंजिल मिलती जो चलता है,
सारे दिन इक से तो न हुआ करते,
हिम्मत से ही ये वक्त बदलता है।
गम आये तो तू न कभी घबराना,
ठोकर खा कर मानष संभलता है।
"रैना" अब तो हार गया सच जानो,
फिर भी आँखों में सपना पलता है।।।"रैना"
उसको मंजिल मिलती जो चलता है,
सारे दिन इक से तो न हुआ करते,
हिम्मत से ही ये वक्त बदलता है।
गम आये तो तू न कभी घबराना,
ठोकर खा कर मानष संभलता है।
"रैना" अब तो हार गया सच जानो,
फिर भी आँखों में सपना पलता है।।।"रैना"
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