Saturday, August 18, 2012

afwahon se n dra

अफवाहों से न डरा करते,
जुल्म से तो डट के लड़ा करते।
जिसमें शिक्षा की बात न हो,
ऐसी पुस्तक  न पढ़ा  करते।
 वजह रहे तो तकरार करे,
यू  ही बखेड़ा न खड़ा करते।
"रैना" आखिर सूरज निकले,
मन को छोटा न करा करते।.......... "रैना"

3 comments:

  1. बहुत ही सुन्दर लाइने लिख डाली रैना जी,
    दो लाइने और जोड़ने की अनुमति चाहता हूँ ;

    अगर इन असभ्यों में इतनी जो अक्ल होती,
    नकली तस्वीरों को देख ये यूं न सड़ा करते।

    ReplyDelete
    Replies
    1. एक और बात कहूंगा कि ब्लॉग सेट्टिंग से वर्ड वेरिफिकेशन हटा दे तो ज्यादार बेहतर होगा क्योंकि मैं समझता हूँ कि टिप्पणी देने वाले को कष्ट देने के सिवाए इस वर्ड वेरिफिकेशन की कोई मीनिंग नहीं है

      Delete
  2. बहुत खूब !
    क्या सच है क्या अफवाह
    ये भी तो कोई कहाँ कह रहा !

    ReplyDelete