Sunday, April 15, 2012

sajan more bole n mnwa udas

सजन जी,
 बसते मन के पास,
मोह से बोलत नाही,
मनवा बहुत उदास.
सजन जी ...............
समझ आई गलती मोरी,
तोड़े है वादें कसमें तोड़ी,
पी संग प्रीत लगाई नाही,
बैरी दुश्मन के संग जोड़ी,
देखा सारा जग अजमा के,
अब पी मिलन की आस.
सजन जी ..............."रैना"
सुप्रभात जी ...........good morning ji

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