Saturday, September 17, 2011

मत हंस किसी के चेहरे की झुरियां  देख कर,ये वर्षों का अनुभव बयान कर रही है.""रैना"

टहनी से टूटे पत्ते को ये हवा न जाने कहां उडा कर ले जाये गी."रैना"

ये अलग बात गिरता है या संभलता है,मगर इन्सान  गिरगट से जल्दी रंग बदलता  है."रैना"

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