Wednesday, September 28, 2011

mahkane

माँ का  भजन 
महकने लगता है गुलशन मइया जी तेरा नाम लेने से,
सूना मन हो जाये है रोशन मइया जी तेरा नाम लेने से.
महकने लगता है गुलशन-------------
मेरी माँ अम्बे रानी का अंदाज बड़ा ही  न्यारा है,
बांटे में भगतों में खुशिया न दुष्ट माँ को गवारा है,
मिटे ही सारी ही उलझन मइया का नाम लेने से.
महकने लगता है गुलशन-------------"रैना"

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