Thursday, September 29, 2011

he maa

हे अम्बे माँ कर दो कर्म,
मन भटके ये आँखें है नम,
जल्दी आओ मइया,
दर्श दिखाओ मइया,
सफल हो जाये मेरा जन्म.
हे अम्बे माँ-------------
यहाँ वैसे मचा शोर है,
कच्ची रिश्तों की ये डोर है,
कोई टूटे यहाँ, कोई छूटे वहां,
कोई मितवा न कोई सनम.
हे अम्बे माँ-------------
इस दुनिया के कई ढंग है,
कई ढंग है तो कई रंग है,
कुछ कहते यहाँ ,कुछ करते वहां,
हर पल बना रहता भ्रम 
हे अम्बे माँ-------------"रैना"

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