हे अम्बे माँ कर दो कर्म,
मन भटके ये आँखें है नम,
जल्दी आओ मइया,
दर्श दिखाओ मइया,
सफल हो जाये मेरा जन्म.
हे अम्बे माँ-------------
यहाँ वैसे मचा शोर है,
कच्ची रिश्तों की ये डोर है,
कोई टूटे यहाँ, कोई छूटे वहां,
कोई मितवा न कोई सनम.
हे अम्बे माँ-------------
इस दुनिया के कई ढंग है,
कई ढंग है तो कई रंग है,
कुछ कहते यहाँ ,कुछ करते वहां,
हर पल बना रहता भ्रम
हे अम्बे माँ-------------"रैना"
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