बड़ी मुशिकल से हुई थी शादी ये तो बात है बीती,
पति जिन्दा फिर भी विधवा मेरे देश की राजनीति.
अब चोर उच्कों ने इस पर अपना कब्जा जमाया है,
मोसेरे भाइयों ने आदर्श वादियों को पीछे हटाया है.
इसका मायका जनता भी न उस पर तरस खाती है.
राजनीति की इज्जत को बीच चौराहे पे लुटवाती है.
किसी एरा गैरा से पैसे ले दारू पी उसे जीताती है,
राजनीति अब अपने हाल पे रोती आंसू बहाती है.
भारत के देशवासियों अब छोड़ दो गन्दी नीति,
जब देश ही नही बचेगा फिर कहां करोगे राजनीति. "रैना"
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