Thursday, May 2, 2013


दोस्तों की नजर इक प्यारा सा गीत

मेरी अर्जी को मंजूर करो,
मुझे आँखों से न दूर करो,
मान ली मैंने अपनी गलती,
और इतना न मजबूर करो।
मेरी अर्जी .......................
तुझ बिन लगता न दिल है,
है परेशानी यहीं मुशिकल है,
मेरे जीवन में तू शामिल है,
जख्मी मेरा दिल घायल है,
यूं खुद को न मगरुर करो।
मेरी अर्जी ..........................
अपने दिल का दरवाजा खोलो,
नजदीक आ के कान में बोलो,
मेरी हस्ती को यूं न अब तोलो,
सीने पे सिर रख चैन से सो लो,
अब जिन्दगी को बासरूर करो,
मेरी अर्जी ............................"रैना"


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