मां की शान में "रैना" का गीत
चोट मुझको लगती मां छम छम रोती है,
ऐ खुदा मां किस मिट्टी की बनी होती है।
ऐ खुदा मां किस ........................
माँ की ममता का कोई भी पार नही होता,
बच्चे का दुःख मां को स्वीकार नही होता,
बच्चे को रखे सूखे में खुद गिले में सोती है।
ऐ खुदा मां किस .......................
बदले मौसम में बच्चों ने किरदार बदला,
देखो फिर भी मां ने न अपना प्यार बदला,
बच्चों के खातिर मां भार गमों का ढोती है।
ऐ खुदा मां किस .......................
"रैना"मां का एहसान मत तू भूल जाना,
मां के कदमों में होता रहमत का खजाना,
मां के दीवानें जो उनको कमी न होती है।
ऐ खुदा मां किस ......................."रैना"
चोट मुझको लगती मां छम छम रोती है,
ऐ खुदा मां किस मिट्टी की बनी होती है।
ऐ खुदा मां किस ........................
माँ की ममता का कोई भी पार नही होता,
बच्चे का दुःख मां को स्वीकार नही होता,
बच्चे को रखे सूखे में खुद गिले में सोती है।
ऐ खुदा मां किस .......................
बदले मौसम में बच्चों ने किरदार बदला,
देखो फिर भी मां ने न अपना प्यार बदला,
बच्चों के खातिर मां भार गमों का ढोती है।
ऐ खुदा मां किस .......................
"रैना"मां का एहसान मत तू भूल जाना,
मां के कदमों में होता रहमत का खजाना,
मां के दीवानें जो उनको कमी न होती है।
ऐ खुदा मां किस ......................."रैना"
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