हम इक मुद्दत से चुन रहे हैं लफ्जों के मोती,
मगर कोई जौहरी न मिला परख करने वाला।"रैना"
काश ???
फेविकोल से जुड़ जाता टूटा दिल,
फिर तो आशिक बेमौत न मरते।"रैना"
तू हंसे फिर तो मोती बिखर जाते,
ओस की बूंदों से गुल निखर जाते।
तेरे नैनो से पीने वाले रिंद रसिया,
महफ़िल जमा लेते हैं जिधर जाते।
गर हो जाये तेरी रहमत की नज़र,
फिर तो नसीबा अपने संवर जाते।
मकसद सब का एक रास्तें अलग है,
कोई फर्क नही इधर या उधर जाते।
तुम इबादत में शामिल हो
हम मतलब के लिए दुआ नही करते,"रैना"
तस्वीर अक्सर बोलती है झूठ,
वैसे भी झूठ के पैर नही होते।"रैना"
मगर कोई जौहरी न मिला परख करने वाला।"रैना"
काश ???
फेविकोल से जुड़ जाता टूटा दिल,
फिर तो आशिक बेमौत न मरते।"रैना"
तू हंसे फिर तो मोती बिखर जाते,
ओस की बूंदों से गुल निखर जाते।
तेरे नैनो से पीने वाले रिंद रसिया,
महफ़िल जमा लेते हैं जिधर जाते।
गर हो जाये तेरी रहमत की नज़र,
फिर तो नसीबा अपने संवर जाते।
मकसद सब का एक रास्तें अलग है,
कोई फर्क नही इधर या उधर जाते।
तुम इबादत में शामिल हो
हम मतलब के लिए दुआ नही करते,"रैना"
तस्वीर अक्सर बोलती है झूठ,
वैसे भी झूठ के पैर नही होते।"रैना"
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