कुछ तो रहम खाओं अपने बन्दों के हाल पे,
डाक्टरों ने तो आम आदमी को निचौड़ के रख दिया हैं।"रैना"
सुप्रभात जी जय जय मम जय जय माँ जय जय माँ
जब तक लिखने का ढंग नही आता,
तब तक तो शायरी पे रंग नही आता।"रैना"
इश्क तुझसे हो गया जो,
याद मुझको मैं नही अब।"रैना"
डाक्टरों ने तो आम आदमी को निचौड़ के रख दिया हैं।"रैना"
सुप्रभात जी जय जय मम जय जय माँ जय जय माँ
जब तक लिखने का ढंग नही आता,
तब तक तो शायरी पे रंग नही आता।"रैना"
इश्क तुझसे हो गया जो,
याद मुझको मैं नही अब।"रैना"
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