शिकायत इल्जाम नाराजगी,
अपनी फितरत में शुमार नही,
मोहब्बत करना सीखा हमने,
बेमुरव्वत से हमें प्यार नही,
हर सूरत मेरे खुदा के जैसी है,
हर दिल में घर उसका यारो,
पल भर भी वो दूर नही रहता
जानते सब फिर भी एतबार नही।
दूर मनन से लोग मनोरंजन करे,
उसको पाने की भी हसरत है,
खुद को जला सुर्खरु करले "रैना"
इतना आसान उसका दीदार नही। राजेन्द्र रैना "गुमनाम"
सुप्रभात जी …जय जय मां
अपनी फितरत में शुमार नही,
मोहब्बत करना सीखा हमने,
बेमुरव्वत से हमें प्यार नही,
हर सूरत मेरे खुदा के जैसी है,
हर दिल में घर उसका यारो,
पल भर भी वो दूर नही रहता
जानते सब फिर भी एतबार नही।
दूर मनन से लोग मनोरंजन करे,
उसको पाने की भी हसरत है,
खुद को जला सुर्खरु करले "रैना"
इतना आसान उसका दीदार नही। राजेन्द्र रैना "गुमनाम"
सुप्रभात जी …जय जय मां
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