भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई हो
जय जय श्री कृष्ण
इक बार फिर से काना तुझे आना ही होगा,
भटके मुसाफिरों को राह दिखाना ही होगा।
इक बार फिर से ………………………
कौरवों के राज में अब द्रोपदी बदहाल है,
झूठ मालामाल हुआ सच नीरा कंगाल है,
धर्म के ठेकेदार चुप गाय हो रही हलाल है,
इंसानियत है मर गई हैवानों का धमाल है,
धर्म की हानि हो रही धर्म बचाना ही होगा।
इक बार फिर से ………………………
रक्षक ही भक्षक हो गये खेत बाड़ से डर रहा,
नैतिकता का पतन इन्सान निरन्तर कर रहा,
मसीहा देश को लूट कर अपनी तिजौरी भर रहा,
राक्षसों के राज में आमजन भूखा नंगा मर रहा,
कंस के इस राज को तुझको मिटाना ही होगा।
इक बार फिर से ………………………
गुमनाम"की गुजारिश कृष्णा और न अब देर कर,
धर्म का सूरज डूब गया जल्दी आ आके सवेर कर,
अपने चक्र सुदर्शन से निर्लज पापियों को ढेर कर,
बंसी की मिठ्ठी धुन सुना दे प्रेम का जादू फेर कर,
तुझे हिंदुस्तान में प्यार का दरिया बहाना ही होगा।
इक बार फिर से ……………राजेन्द्र रैना "गुमनाम"
सुप्रभात जी। …………… जय जय मां
जय जय श्री कृष्ण
इक बार फिर से काना तुझे आना ही होगा,
भटके मुसाफिरों को राह दिखाना ही होगा।
इक बार फिर से ………………………
कौरवों के राज में अब द्रोपदी बदहाल है,
झूठ मालामाल हुआ सच नीरा कंगाल है,
धर्म के ठेकेदार चुप गाय हो रही हलाल है,
इंसानियत है मर गई हैवानों का धमाल है,
धर्म की हानि हो रही धर्म बचाना ही होगा।
इक बार फिर से ………………………
रक्षक ही भक्षक हो गये खेत बाड़ से डर रहा,
नैतिकता का पतन इन्सान निरन्तर कर रहा,
मसीहा देश को लूट कर अपनी तिजौरी भर रहा,
राक्षसों के राज में आमजन भूखा नंगा मर रहा,
कंस के इस राज को तुझको मिटाना ही होगा।
इक बार फिर से ………………………
गुमनाम"की गुजारिश कृष्णा और न अब देर कर,
धर्म का सूरज डूब गया जल्दी आ आके सवेर कर,
अपने चक्र सुदर्शन से निर्लज पापियों को ढेर कर,
बंसी की मिठ्ठी धुन सुना दे प्रेम का जादू फेर कर,
तुझे हिंदुस्तान में प्यार का दरिया बहाना ही होगा।
इक बार फिर से ……………राजेन्द्र रैना "गुमनाम"
सुप्रभात जी। …………… जय जय मां
No comments:
Post a Comment