Friday, August 30, 2013

jab hindustani

दोस्तों मेरे लिए नही अपने लिए
जरुर पढ़ना कमेंट्स चाहे मत करना

जब हिन्दुस्तानी जाग जायेगे,
तब काले अंग्रेज नजर न आयेगे।
बुझे शोलें में तपिस अभी बाकी है,
सुभाष,शेखर फिर भड़क जायेगे।
भगत,सुखदेव,बिस्मिल जिंदा हैं,
आ इन्कलाब का नारा लगायेगे।
अब पानी सिर से गुजरने लगा है,
इतना अत्याचार सह न पायेगे।
देश भक्तों ने कसे लगोटे अब तो,
गद्दारों को पीट पीट कर भगायेगे।
मिल कर मनायेगे ईद,दीपावली,
कुछ कमीने न फिर हमें लड़ायेगे।
चुने गे वफादारों को मसीहा अपना,
चम्मचें चापलूसों को अब हरायेगे।
"गुमनाम"डरना तेरा मिजाज नही,
कलम से हर दिल देश प्रेम जगायेगे। राजेन्द्र रैना "गुमनाम"   


  

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