Tuesday, August 27, 2013


बहके परवाने हम भी हैं,
तुम घायल बिस्मिल हम भी हैं,
लिखने की दीवानी हो तुम,
इस फन के कायल हम भी हैं। राजेन्द्र रैना गुमनाम 
 

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