Wednesday, September 26, 2012

bemaut mrne ki

सिर्फ जोड़ तोड़ तिकड़म ही लड़ाते हैं,
कुर्सी को नेता बहुत नीचे गिर जाते है।
जनता के दुःख से उन्हें कुछ नही लेना,
वो तो खुद के नेता अपने लिए कमाते हैं।
 अफ़सोस तो बस इसी बात का है यारों,
निपट चम्मचे देश के रहनुमा बन जाते हैं।
बेशक नेता एक ही थैली के है चट्टे बट्टे,
सिर्फ दिखाने को एक दुसरे को घुराते हैं।
अजीब बेशर्म बेईमान धोखेबाज ये मंगते,
पांच साल में एक बार भीख मांगने आते हैं।
"रैना" ये बात भी तो गौर करने के काबिल है,
हम ही तो चोर उच्चको को नेता बनाते है।  ..."रैना"






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