नेक कर्म से जीवन मिलता,
गुल दोबारा कम ही खिलता,
आओ जीवन को महकाये,
मकसद अपना सफल बनाये।
जोड़े सारे टूटे धागे,
मन में सोई उल्फत जागे।
मस्त हुये पी नाम प्याला,
रैना" फेरे मन की माला। ...."रैना"
जय जय माँ अम्बे .......सुप्रभात जी
गुल दोबारा कम ही खिलता,
आओ जीवन को महकाये,
मकसद अपना सफल बनाये।
जोड़े सारे टूटे धागे,
मन में सोई उल्फत जागे।
मस्त हुये पी नाम प्याला,
रैना" फेरे मन की माला। ...."रैना"
जय जय माँ अम्बे .......सुप्रभात जी
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