Tuesday, September 4, 2012

rajniti me jiska

रुतबा जिसका सियासत में खास हुआ,
फेल हुआ वो पप्पू भी फिर पास हुआ।
वो ही पीठ में अक्सर घोपता खन्जर,
जिस पर हमको ज्यादा विशवास हुआ।
इस महंगाई मज़बूरी ने खून निचोड़ा है,
आज का इन्सान अब जिन्दा लाश हुआ।
"रैना" किस्मत में लिखा दुःख सहना है,
फिर भला बेवजह तू क्यों उदास हुआ। "रैना" 

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