खाक रखते हैं खबर सारे शहर की,
हाल अपने से नवाकिफ बेखबर हैं। "रैना"
देखते हैं क्या हश्र होगा जनाब,
जबरदस्ती इक बना छोड़े नवाब। "रैना"
बेशक नेता जी खूब विकास कर गये,
जनता को लूट विदेशी बैंक भर गये।'रैना"
देश की हालत देख ऐसा लगता है ??????
अंधे पीस रहे कुत्ते खा रहे है,
और नेता चम्मचा गिरी में व्यस्त,
हा में हा मिला रहे हैं,
गधों को घोडें बना रहे हैं,
वाह घोर अनर्थ,
ऐसे लोग देश चला रहे हैं।"रैना"
हाल अपने से नवाकिफ बेखबर हैं। "रैना"
देखते हैं क्या हश्र होगा जनाब,
जबरदस्ती इक बना छोड़े नवाब। "रैना"
बेशक नेता जी खूब विकास कर गये,
जनता को लूट विदेशी बैंक भर गये।'रैना"
देश की हालत देख ऐसा लगता है ??????
अंधे पीस रहे कुत्ते खा रहे है,
और नेता चम्मचा गिरी में व्यस्त,
हा में हा मिला रहे हैं,
गधों को घोडें बना रहे हैं,
वाह घोर अनर्थ,
ऐसे लोग देश चला रहे हैं।"रैना"
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