दोस्तों मेरी ये साधारण सी रचना,
एस एम एस गर्ल्ज कालेज बरारा,
की प्रिंसिपल डा प्रवीन वर्मा,
द्वार गाई जा रही है।आप को कैसी लगी।
जल्दी में तुम क्यों रहते हो,
जाने की पहले कहते हो।
खुद को भूले, सब की चिन्ता,
इतनी पीड़ा क्यों सहते हो।
देखो तो मेरी आँखों में,
किस दुनिया में तुम रहते हो।
मैंने अपने दिल की कह दी,
अब बोलो तो जी कैसे हो।
"रैना" हमको अच्छे लगते,
मन के घर में अब रहते हो।"रैना"
एस एम एस गर्ल्ज कालेज बरारा,
की प्रिंसिपल डा प्रवीन वर्मा,
द्वार गाई जा रही है।आप को कैसी लगी।
जल्दी में तुम क्यों रहते हो,
जाने की पहले कहते हो।
खुद को भूले, सब की चिन्ता,
इतनी पीड़ा क्यों सहते हो।
देखो तो मेरी आँखों में,
किस दुनिया में तुम रहते हो।
मैंने अपने दिल की कह दी,
अब बोलो तो जी कैसे हो।
"रैना" हमको अच्छे लगते,
मन के घर में अब रहते हो।"रैना"
No comments:
Post a Comment