दोस्तों
करती मस्ती उसकी कुदरत,
अरमानों से खेले किस्मत।
कहने को ही फुरसत कब है,
वैसे तो फुरसत ही फुरसत।
गम सहना है हंसते रहना,
आशिक की ये होती आदत।
मन शांति तन अति सुख पाये,
सच्ची पूजा करले कसरत।
बसती देखे उसकी दुनिया,
दीवाने की होती हसरत।
सुख सारे दोस्त के खातिर,
"रैना"को है गम से उल्फत।"रैना"
करती मस्ती उसकी कुदरत,
अरमानों से खेले किस्मत।
कहने को ही फुरसत कब है,
वैसे तो फुरसत ही फुरसत।
गम सहना है हंसते रहना,
आशिक की ये होती आदत।
मन शांति तन अति सुख पाये,
सच्ची पूजा करले कसरत।
बसती देखे उसकी दुनिया,
दीवाने की होती हसरत।
सुख सारे दोस्त के खातिर,
"रैना"को है गम से उल्फत।"रैना"
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