Sunday, January 13, 2013

khun pani ho

देश में क्या हो रहा है,
क्यों मसीहा सो रहा है।
मौज बुझदिल की लगी है,
खून पानी हो रहा है,
मस्त किस्मत अब गधे की,
भार घोड़ा ढो रहा है।
आज का इन्सान बदला,
होश अपने खो रहा है।
मस्त गाँधी हंस रहा है,
बोस" छम छम रो रहा है।"रैना"

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