इस दौर में उल्टी गंगा बहती है,
सास अब बहु से डरी डरी रहती है।
कुछ कहने से तौबा तौबा करता है,
अब बाप बच्चों से बहुत डरता है।
हर कोई रिश्तों की मर्यादा तोड़ रहा है,
भाई अब भाई का सिर फोड़ रहा है।।।।।।"रैना"
सास अब बहु से डरी डरी रहती है।
कुछ कहने से तौबा तौबा करता है,
अब बाप बच्चों से बहुत डरता है।
हर कोई रिश्तों की मर्यादा तोड़ रहा है,
भाई अब भाई का सिर फोड़ रहा है।।।।।।"रैना"
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