Sunday, January 27, 2013

bura nhi

दोस्तों बुरा मत मानना जो बात बुरी नजर आई हो,
आप सब को नेतातंत्र दिवस की लाख लाख बधाई हो।
जनता के हिस्से में भुखमरी गरीबी भ्रष्टाचार आया है,
ये सविधान तो नेताओं ने बस अपने लिए ही बनाया है।
बेशक देश भक्तों ने तो लाठियां गोलियां ही खाई हैं,
कुर्सियां तो सिर्फ चम्मचें चापलूसों के हिस्से में आई हैं।
गिरगट जैसे नेताओं ने तो नोटों के भर लिये बोरें हैं,
मगर बेचारी जनता के हाथ 65 साल बाद भी कटोरें हैं।
अब मत शर्माओं बेजिझझक अपना तुम मुहं खोलो,
कुछ पाना है तो प्रेम से नेतातंत्र दिवस की जय बोलो।
आप दोस्तों को एक दिन बाद नेतातंत्र दिवस की बधाई हो जी ......."रैना"

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