Friday, January 18, 2013

yad aana chhod de

प्यारी सी ग़ज़ल दोस्तों के नाम,
 याद आना छोड़ दे तू,
दिल दुखाना छोड़ दे तू,
ऐ शमा अब मान भी जा,
घर जलाना छोड़ दे तू।
दूर आँखों से हुये अब,
पास आना छोड़ दे तू।
लोग हंसते हाल पे यूं,
गम बताना छोड़ दे तू।
रात आँखों में कटे अब,
यूं जगाना छोड़ दे तू।
रिन्द पे साकी रहम कर,
मय पिलाना छोड़ दे तू।
खैर "रैना" मांगता है,
रंज मनाना छोड़ दे तू।"रैना"

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