बेशक उसके शहर का न आलम बदला है,
गर बदला है तो सिर्फ ये आदम बदला है.
निर्वाह करने के सारे ही तरीके बदल गये,
मगर ख़ुशी बदली है न ये गम बदला है.
मोहब्बत का तो देखिये वही है रंग ढंग,
सजनी बदली होगी या फिर सनम बदला है.
बड़ा ही अटल है यारों कुदरत का नियम,
मौत बदली है न देखों ये जन्म बदला है.
उसके आशिक अब तलक वही है खड़े,
मौका परस्त लोगों ने ही तो कर्म बदला है.
रैना" को बड़ा मान है अपने बड़े बुजुर्गों पर,
लाखों दुःख सहे फिर भी न धर्म बदला है. "रैना"
No comments:
Post a Comment