ओ बन्दे तू ये बता क्यों होता तुझे सबर नही,
ये जिन्दगी कब ठहर जाये,किसी को खबर नही,
सच्ची प्रीत उससे कर ले तू संवर जायेगे,
वर्ना सूखे पत्तो की तरह ही बिखर जायेगा,
सच्ची प्रीत-----------------------------
क्यों तू जहान में आया किसके वास्ते,
मंजिल का पता नही है कौन से रास्ते,
भूल भलेइया में भटका तू किधर जायेगा.
सच्ची प्रीत-----------------------------
भटका है "रैना" चक्रव्यूह में फस गया,
मोहमाया का नाग उसको है डस गया,
बहुत पछताये गा जब तू गुजर जायेगा.
सच्ची प्रीत----------------------------- "रैना"
सुप्रभात जी --------------good morning

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