हाले आशिक पे किसी को तरस न आता है,
अब तो दिल को खिलौना समझा जाता है.
बहुत मुश्किल अब किसी का चेहरा पढ़ना,
गम छुपाने के लिए हर कोई मुस्कराता है.
बढ़ती महंगाई बन गई है जान की दुश्मन,
बेशक गरीबी में अब गीला हो गया आटा है
"रैना" कोई किसी को कुछ भी दे नही सकता,
सबको नयामत बख्शने वाला वो मेरा दाता है."रैना"
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