Sunday, October 23, 2011

ओ मेरे देश की धरती,
अनाज उगले  करोड़ो टन,
जनता फिर भी भूखी मरती.
ओ मेरे देश की धरती--------
अब दूर दूर तक नेताओ में, नैतिकता नजर न आती है,
वोट की हो रही राजनीति जनता मोहरा बनाई जाती है, 
 धर्म के नाम लड़े जनता, कही जाति के नाम पे लड़ती.
औ मेरे देश की धरती---------------
आ दूसरे देश से आतंकी, निर्दोषों का खून बहाते है,
फिर भी जेलों में आतंकी देवों की तरह पूजे जाते है,
 खोले खून शहीदों का, क्यों सरकार कुछ नही करती.
ओ  मेरे देश की धरती-------------
बेलगाम हुई बेरोक टोक, महंगाई  छलांगे लगाती है,
दुखी परेशान सहमी जनता,भर पेट न खाना खाती है.
नेताओ के वादे झूठे अश्वासन, अब बात न कोई बनती.
ओ  मेरे देश की धरती------------------
अब फैशन का है भूत चढ़ा,हम लाँघ गये हद है सारी,
सब भूले अपनी संस्कृति,नगे नच रहे है नर ओ नारी,
कैसे माफ़ करे भारत माता,"रैना" करे गलती पे गलती.
ओ मेरे देश की धरती-------------------------"रैना"

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