ये सहारा कम है क्या जीने के लिए,
मुफ्त में मिलती रहे पीने के लिए.
उससे हम कुछ और मांगते ही नही,
दयावान माझी मिले सफीने के लिए.
पड़ा पलंग पर मजे से खाता ही रहू,
छुट्टी मिली रहे बाहरा महीने के लिए.
मोला ये छोटी सी अर्ज गुजारिश मेरी,
इतना कर ही देना इस नगीने के लिए. "रैना"
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