Sunday, October 16, 2011


मरने के बाद
नेता ने जब यमलोक का दरवाजा खटखटाया,
नेता को देख यमदूत घबराया,
क्योकि नेता ने जैसे ही कदम आगे बढ़ाया,
नरकवासियों  ने शोर मचाया,
नेता आया नेता आया, हमारा प्रिय नेता आया.
जिसने हमें यहाँ पहुचाया.
नरकवासी वासी दौड़ दौड़ कर नेता के पास आने लगे.
कुछ पैरों में गिरते कुछ हाथ मिलाने लगे,
यमदूत सोचे खड़ा खड़ा,
ये तो कोई आदमी है बड़ा.
साहस कर यमदूत नेता के पास आया,
उसने फ़रमाया ये क्या चक्कर है भाया,
नरकवासियों को क्यों है भरमाया.
नेता ने आगे से बताया ये मेरे सारे साथी है भाया,
इन्हें नर्कलोक भेजने का प्रबंध मैंने ही है करवाया,
मैं भारत का नेता हूँ इसलिए देर से हूँ आया.
नरकलोक में शोर सुन यम राज बाहर आया, 
और चिलाया ये क्या है शोर मचाया,
यमदूत ने बताया की पृथ्वी लोक से एक नेता है आया,
यमराज बोला इस नेता से यमलोक को संभाला जाये,
इस नेता को जैड क्लास के नरक में डाला जाये,
नही तो यह  नेता यहाँ बंद भूख हड़ताल प्रदर्शन करवाए गा,
यमलोक का अस्तित्व खतरे में पड़ जाये गा.
इतिहास के पन्ने यही बताते है,
मरने मिटने के बाद भी ये नेता बाज नही आते है."रैना"  

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