जय माँ अम्बे
माँ की भेंट
तेरी भक्ति में माँ अम्बे मैंने जीवन है बिताना,
भटकू गा अब न मैं तो मुझे मिल गया ठिकाना.
तेरी भक्ति में माँ------------------------------
पापी हूँ मैं तो अम्बे,मैंने पाप ही किये है,
नही बात तेरी मानी, तुझे दर्द ही दिये है,
खता मफ़ा मेरी करना, मुझे चरणों से लगाना.
तेरी भक्ति में माँ------------------------------
भक्तों का मइया तूने, बेड़ा तो पार किया है,
कोई खाली नही लौटाया,मुहु माँगा वार दिया है,
कही भव में न डूब जाऊ, आकर मुझे बचाना.
तेरी भक्ति में माँ------------------------------"रैना"
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