Sunday, October 2, 2011

teri bhakti

जय माँ अम्बे
 माँ की भेंट 
तेरी भक्ति में माँ अम्बे मैंने जीवन है बिताना,
भटकू गा अब न मैं तो मुझे मिल गया ठिकाना.
तेरी भक्ति में माँ------------------------------
पापी हूँ मैं तो अम्बे,मैंने पाप ही किये है,
नही  बात तेरी मानी, तुझे दर्द ही दिये है,
खता मफ़ा मेरी करना, मुझे चरणों से लगाना. 
तेरी भक्ति में माँ------------------------------
भक्तों का मइया तूने, बेड़ा तो पार किया है,
कोई खाली नही लौटाया,मुहु माँगा वार दिया है,
कही भव में  न डूब जाऊ, आकर मुझे बचाना.
तेरी भक्ति में माँ------------------------------"रैना"

No comments:

Post a Comment