Friday, November 18, 2011

mandir masjid

मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा चाहे गिरजा घर है,
मेरे उस मालिक का तो मनमंदिर ही घर है.
मन में ही मेरे यार का डेरा वो दूर कभी न जाये,
हाँ  जिसकी नजर पारखी वो नजर उसी को आये.
हाँ जिसकी नजर..............................................
मक्का मदीना,मथुरा कांशी,चाहे चक्कर काट चौरासी,
मन मंदिर में जब दीप जलेगा,तभी तो होगी पूर्णमासी,
रूह की आवाज सुन के,मालिक आप ही दौड़ लगाये.
हाँ जिसकी नजर.............................................."रैना"
सुप्रभात जी ....................................good morning ji

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