Friday, November 11, 2011

njare ghuma ke jidhar

नजरें घुमा के जिधर देखा,
हर शै में उसका असर देखा.
खुद करने का लाख करे दावा,
पर उसका गुलाम बशर देखा.
क्या हो रहा तेरे शहर में मोला,
हर तरफ मचा हुआ ग़दर देखा.
हासिल सब फिर भी तडफ है,
 तेरे बन्दों को तो बेसबर देखा
वैसे तो  कम नही है तेरे दीवाने,.
हर महफ़िल में तेरा जिकर देखा.
"रैना" फ़िदा है इक तुझी पे यारा,
उसने कभी  इधर न उधर देखा. "रैना"
सुप्रभात जी ................good morning

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