वक्त से बेखबर क्या बहाना होगा,
मगर ये तो तय हर हाल जाना होगा.
करम होगे जैसे भी हमारे यारों,
फ़कत उसके हिसाब से ठिकाना होगा.
फ़िक्र आगे की भी कर लेनी चाहिए,
वर्ना चक्करों में उलझ जाना होगा.
घड़ी चार थी बची सिर्फ दो ही बाकी,
"रैना" अब उससे दिल लगाना होगा."रैना"
सुप्रभात जी .....................good morning
मगर ये तो तय हर हाल जाना होगा.
करम होगे जैसे भी हमारे यारों,
फ़कत उसके हिसाब से ठिकाना होगा.
फ़िक्र आगे की भी कर लेनी चाहिए,
वर्ना चक्करों में उलझ जाना होगा.
घड़ी चार थी बची सिर्फ दो ही बाकी,
"रैना" अब उससे दिल लगाना होगा."रैना"
सुप्रभात जी .....................good morning

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