संडे स्पेशल
चलना सीखो अपने हिसाब से,
सम्भलो लोग हैं कुछ खराब से।
तू शौक से पी दिल बहलाने को,
पर घर मत फूंक लेना शराब से।
ठोस धरातल हो खुद पे यकीन,
चाहे अंदाज हो किसी नवाब से।
गुलाफिशां बातें हो लबों पे हंसी,
महफ़िल में महको तुम गुलाब से।
देखने वाला देखता ही रह जाये,
हुस्न बेपरदा हो जब भी नकाब से
बहक जायेगा"गुमनाम"का दिल,
इस कदर देखो न तुम हिजाब से। राजेन्द्र रैना"गुमनाम"
गुलाफिशां=फूल बिखेरना
हिजाब =शर्म से
चलना सीखो अपने हिसाब से,
सम्भलो लोग हैं कुछ खराब से।
तू शौक से पी दिल बहलाने को,
पर घर मत फूंक लेना शराब से।
ठोस धरातल हो खुद पे यकीन,
चाहे अंदाज हो किसी नवाब से।
गुलाफिशां बातें हो लबों पे हंसी,
महफ़िल में महको तुम गुलाब से।
देखने वाला देखता ही रह जाये,
हुस्न बेपरदा हो जब भी नकाब से
बहक जायेगा"गुमनाम"का दिल,
इस कदर देखो न तुम हिजाब से। राजेन्द्र रैना"गुमनाम"
गुलाफिशां=फूल बिखेरना
हिजाब =शर्म से
No comments:
Post a Comment