Saturday, September 7, 2013

chlna sikh apne hisab se

संडे स्पेशल

चलना सीखो अपने हिसाब से,
सम्भलो लोग हैं कुछ खराब से।
तू शौक से पी दिल बहलाने को,
पर घर मत फूंक लेना शराब से।
ठोस धरातल हो खुद पे यकीन,
चाहे अंदाज हो किसी नवाब से।
गुलाफिशां बातें हो लबों पे हंसी,
महफ़िल में महको तुम गुलाब से।
देखने वाला देखता ही रह जाये,
हुस्न बेपरदा हो जब भी नकाब से
बहक जायेगा"गुमनाम"का दिल,
इस कदर देखो न तुम हिजाब से। राजेन्द्र रैना"गुमनाम"
गुलाफिशां=फूल बिखेरना
हिजाब =शर्म से 

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