Thursday, September 5, 2013

ishak me fakir

दोस्तों के लिए खास पेशकश 

इश्क में फकीर होना है, 
 रांझे की हीर होना है।
तू मुकद्दर है मेरा,
मैं तेरी तकदीर होना है। 
राहे जिंदगी मुश्किल है,
खुद ही तदबीर होना है।
बहक मत तू होश कर,
मिट्टी ये शरीर होना है।
बन्दे को कैसा भ्रम हुआ,
उसने बसीर होना है। 
डूबने वाला डूब जाये,
किसने नासिर होना है।   
बदकिस्मत रैना"के तो,
आंखों में नीर होना है। 
बसीर =ईश्वर, तदबीर =उपाय 
नासिर =मददगार    

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