दोस्तों के लिए खास पेशकश
इश्क में फकीर होना है,
रांझे की हीर होना है।
तू मुकद्दर है मेरा,
मैं तेरी तकदीर होना है।
राहे जिंदगी मुश्किल है,
खुद ही तदबीर होना है।
बहक मत तू होश कर,
मिट्टी ये शरीर होना है।
बन्दे को कैसा भ्रम हुआ,
उसने बसीर होना है।
डूबने वाला डूब जाये,
किसने नासिर होना है।
बदकिस्मत रैना"के तो,
आंखों में नीर होना है।
बसीर =ईश्वर, तदबीर =उपाय
नासिर =मददगार
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