Sunday, September 1, 2013

khel jiwan ko samjh ke

दोस्तों मेरी रचना गौर से पढ़ा करो
 मैं लिखता नही इबादत करता हूं

रास्ते में तो उदासी सी छाई है,
संभल कर चलने में भलाई है।
लुटेरों पे हत्या का शक लेकिन,
सच ये भाई का कातिल भाई है।
फसने के बाद नेता,बाबा कहते, 
ये तो किसी ने साजिश रचाई है।
नारी पे बुरी नजर डालने वाले ने,
अपनी लंका तो खुद ही जलाई है।
द्रोपदी की लाज कृष्ण बचा लेगा,
पर दुर्योधन की जान न बच पाई है।
उठो भारत देश के वीर नौजवानों,
देखो दुश्मन ने फिर आंख उठाई है।
मत खींचो महजब जात की लकीरें,
"रैना"हर हिन्दुस्तानी भाई भाई है।राजेन्द्र रैना "गुमनाम"    

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