Thursday, September 19, 2013

sun samne tu aa ik bari

सुन सामने तू आ इक बारी,
अब आगे की कर ली तैयारी,
हम जानते बड़ा ही मुश्किल,
वहां हो न मुलाकात हमारी। 
सुन सामने  ………
किया वादा न मैंने निभाया,
बेवकूफ है खुद को बनाया,
झूठे सच्चे खेल ही खेले,
अपने आप को मैंने हराया, 
तब होश है मुझको आई,
जब बात बिगड़ गई सारी। 
सुन सामने  ………
अक्सर देखे हैं झूठे ही सपने,
मोह माया क्रोध मेरे अपने,
हुआ मतलब तब ही पुकारा,
जब लगे ये खजाने घटने,
अब घबराना और पछताना,
मैं शरण में आया हूं तुम्हारी।
 सुन सामने  ………राजेन्द्र रैना "गुमनाम"
सुप्रभात जी  ………जय जय मां 
  

    

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