साकी ने फेरी आंखें,
रोती हैं मेरी आंखें।
जो देखे उसकी आंखें,
कब देखे तेरी आंखें।
मत कर आंखों की बातें,
सागर से गहरी आंखे।
मीरा कहती मत पूछो,
किस पे हैं ठहरी आंखें।
आशिक का शिकवा देखो,
होती हैं जहरी आंखें।
"रैना"को दिन की हसरत,
पीड़ा में बहती आंखें।राजेन्द्र रैना गुमनाम"
सुप्रभात जी। …… जय जय मां
रोती हैं मेरी आंखें।
जो देखे उसकी आंखें,
कब देखे तेरी आंखें।
मत कर आंखों की बातें,
सागर से गहरी आंखे।
मीरा कहती मत पूछो,
किस पे हैं ठहरी आंखें।
आशिक का शिकवा देखो,
होती हैं जहरी आंखें।
"रैना"को दिन की हसरत,
पीड़ा में बहती आंखें।राजेन्द्र रैना गुमनाम"
सुप्रभात जी। …… जय जय मां
No comments:
Post a Comment