दोस्तों मेरे दिल का टुकड़ा आप के हवाले,
तेरे हुस्न का जलवा हमको दिखा जरा,
पर्दे से बाहर आ के आंख तो मिला जरा।
अब किस हाल में तेरा बन्दा जी रहा है,
कितना है वेतन तू हिसाब तो लगा जरा।
साकी मत रुठ हम रिन्द दीवाने हैं तेरे,
भर दे पैमाना जाम मस्ती का पिला जरा।
तेरे बन्दे अब तो जाहिल काफ़िर हो गये,
कुचल देगे मुझको तू गिरते को उठा जरा।
बेईमानों चोरों की अब चांदी इस शहर में,
तू बदली कर नियम नया कानून बना जरा।
तेरे शहर में भटके इक "गुमनाम"मुसाफिर,
तू रहनुमा है मेरा अब रास्ता तो बता जरा।राजेन्द्र रैना"गुमनाम'
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