Wednesday, September 18, 2013

itne udas

इतने उदास हैरान क्यों हो,
क्या हुआ परेशान क्यों हो।
लोग अब चेहरा बदल लेते,
तुम इतने नादान क्यों हो।
तुम खबर औरों की रखते,
खुद से तुम अनजान क्यों हो।
लोग हो गये हैं शो रुम जैसे,
तुम भला बंद दुकान क्यों हो।
तन्हा बैठे हम सोचा करते,
तुम मेरे भगवान क्यों हो।
हाथों की लकीरें देखा करते,
तुम किस्मत पे कुर्बान क्यों हो।
'रैना" पूछता रहता बच्चों से,
ये बताओ इतने शैतान क्यों हो। राजेन्द्र रैना"गुमनाम
सुप्रभात जी। … जय जय मां

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