Wednesday, December 28, 2011

bewfa mai ya tum

बड़ी ही बेदर्द बेवफा किस्मत हमारी है,
खिंजा आई भी नही उजड़ी फुलवारी है.
सिवा इसके और कुछ कर नही सकते,
फकत यादे सनम आंसूं बहाना जारी है.
अदा ए जमाना नही रास आई हैं "रैना",
दुखी होकर आगे की कर ली तैयारी है."रैना"

सारी रात आती हिचकियां,
कल तक हम सोचते वो हमें याद करते है,
मगर आज डाक्टर ने बताया ये तो एक बीमारी है."रैना"  

No comments:

Post a Comment