इक हादसे ने मेरी तक़दीर बदल दी है,
हाथों से किस्मत की लकीर बदल दी है,
मैं किसी और से भला कैसे करू गिला,
जब उसने ही लिखी तहरीर बदल दी है."रैना"
हाथों से किस्मत की लकीर बदल दी है,
मैं किसी और से भला कैसे करू गिला,
जब उसने ही लिखी तहरीर बदल दी है."रैना"
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