तेरी आँखों का कैसे काजल बनू,
फिर ख्वाब भी बनना मुशिकल है,
ये सोच कर तो मैं परेशान बहुत,
और सहमा हुआ ये मेरा दिल है.
जो ख्वाब बना तो टूटू गा,
जो काजल बना तो छूटू गा.
इस हालत में मैं क्या करू,
अब तू ही बता मैं क्या बनू.
जो टूटे न जो छूटे न,
गिर के आईने की तरह फूटे न.
तुम जो कहो बन जाउगा,
कदम पीछे नही हटाऊ गा.."रैना"
फिर ख्वाब भी बनना मुशिकल है,
ये सोच कर तो मैं परेशान बहुत,
और सहमा हुआ ये मेरा दिल है.
जो ख्वाब बना तो टूटू गा,
जो काजल बना तो छूटू गा.
इस हालत में मैं क्या करू,
अब तू ही बता मैं क्या बनू.
जो टूटे न जो छूटे न,
गिर के आईने की तरह फूटे न.
तुम जो कहो बन जाउगा,
कदम पीछे नही हटाऊ गा.."रैना"
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