Thursday, December 29, 2011

soch apni samjh

सोच अपनी समझ हर बात को मुद्दा नही बनाया करते,"रैना"

मेरी हंसी के पीछे वो दर्द छुपा है,
रोने के बाद जिसे मैं सह नही सकता."रैना"

समझ गये है मेरे शहर के लोग ????
नामी चोर डाकू,जनता को भरमाने के लिए ड्रामा करते है."रैना" 

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