Thursday, December 22, 2011

dardnak manjar

मैंने तो सह के दर्द जुदाई का देखा,
बदला मिजाज इस खुदाई का देखा.
बेशक बड़े ही फरेबी है जमाने वाले,
पल में बनता पहाड़ है राई का देखा.
दुखो दर्द इस जिन्दगी का है हिस्सा,
मगर बुरा हश्र मैंने बेवफाई का देखा.
देखो तबाह हो के भी कई  बस जाते,
मगर बसता घर न हरजाई का देखा.
"रैना"अब तो दर्द भी महसूस नही है,
जबसे दर्दनाक मंजर तन्हाई का देखा. "रैना"  

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